हिंदी विभाग पुस्तकालय
हिंदी विभाग पुस्तकालय, हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन, अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन केंद्र है। यह पुस्तकालय छात्रों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों को उच्च गुणवत्ता की सामग्री प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यहाँ पर हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति, और संबंधित विषयों की विस्तृत और समृद्ध संग्रह है।
मुख्य विशेषताएँ:-
1. समृद्ध संग्रह
पुस्तकालय में हिंदी साहित्य की प्रमुख रचनाए, क्लासिक और समकालीन पुस्तकों का विस्तृत संग्रह है। इसमें काव्य, उपन्यास, कहानी संग्रह, नाटक, और निबंध शामिल है l साहित्यिक आलोचना, अनुसंधान, और शिक्षण सामग्री से संबंधित पुस्तकों औरजर्नलोकाव्यापक संग्रह भी उपलब्ध है।
2. दुर्लभ ग्रंथ
हिंदी साहित्य के प्राचीन और दुर्लभ ग्रंथों का विशेष संग्रह यहाँ पर उपलब्ध है, जो शोधकर्ताओं के लिए अनमोल हैं।
3. पत्रिकाएँ और जर्नल्स
हिंदी साहित्य, भाषा और संस्कृति पर आधारित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाएँ और जर्नल्स पुस्तकालय में उपलब्ध हैं।
4. सन्दर्भ सामग्री
शब्दकोश, विश्वकोश, और अन्य संदर्भ ग्रंथों का समृद्ध संग्रह, जो छात्रों और शोधकर्ताओं को उनके कार्य में सहायता प्रदान करता है।
5. डिजिटल संसाधन
पुस्तकालय में ई-बुक्स, ई-जर्नल्स और ऑनलाइन डेटाबेस की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे छात्र और शोधार्थी डिजिटल माध्यम से भी सामग्री का उपयोग कर सकते हैं।
6. पठन और अध्ययन की सुविधाएँ
पुस्तकालय में आरामदायक पठन कक्ष, समूह अध्ययन कक्ष, और व्यक्तिगत अध्ययन के लिए विशेष स्थान उपलब्ध हैं।पुस्तकालय में इंटरनेट और वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
7. पुस्तकालय सेवाएँ
पुस्तकों और अन्य सामग्रियों की उधारी और वापसी की सुचारू प्रक्रिया।संदर्भ सेवा, जिसमें पुस्तकालय कर्मचारी उपयोगकर्ताओं को आवश्यक जानकारी और संसाधनों को खोजने में मदद करते हैं।
हिंदी विभाग पुस्तकालय का उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य के ज्ञान को व्यापक रूप से फैलाना और इसे सभी विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए सुलभ बनाना है। यह पुस्तकालय हिंदी साहित्य के प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ वे अध्ययन और अनुसंधान के माध्यम से हिंदी भाषा की गहराईयों में उतर सकते हैं।
Exemplary Books in the Library
Sr.No | Book Code | Book Title | Author |
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1 | H-1 | प्रसाद साहित्य की भाषा | डॉ.सुनील पाटिल |
2 | H- 2 | प्रवासी साहित्य में भारतीय संस्कृति | डॉ.सुनील पाटिल |
3 | H-3 | जयशंकर प्रसाद संपूर्ण काव्य | जयशंकर प्रसाद |
4 | H-4 | निराला - काव्य के मनौविज्ञान अध्ययन | डॉ.कमलप्रभा कपनी |
5 | H-5 | गोदान | प्रेमचंद |
6 | H-6 | काव्य समीक्षा के भारतीय मानदंड | डॉ.जमंती मानवेचन्द्र |
7 | H- 7 | तुलसीदास : एक मूल्यांकन | डॉ. रामानुज निराला |
8 | H-8 | जनसंचार माध्यम दश एवं दिशा | |
9 | H-9 | कथाकार नागार्जुन एवं बाबा बटेश्वर नाथ | प्रा . अर्जुन |
10 | H-10 | कामायनी | जयशंकर प्रसाद |
11 | H-11 | काव्यशास्त्र के विविध आयाम | डॉ. मधु खराटे |
12 | H-12 | हिंदी साहित्य का समग्र इतिहास | डॉ. रमेशचंद्र शर्मा |
13 | H-13 | कामायनी एवं उर्वशी में प्रतिक-योजना | डॉ. मदन लाल |
14 | H-14 | मीरा का व्यक्तित्व और कृतित्व–पहला भाग | संजय मल्होत्रा |
15 | H-15 | अज्ञेय और एलियट | अरुण भारद्वाज |
16 | H-16 | समकालीन कविता के बदलते सरोकार | डॉ.रणजीत,डॉ.सुधा रणजीत |
17 | H-17 | प्रेमचंद और उनका युग | डॉ. रामविलास शर्मा |
18 | H-18 | भारतीय नवजागरणऔर भारतेन्दू तथा नर्मद युग का साहित्य | महावीर सिंह चौहान |
19 | H-19 | यशपाल साहित्य में काम चेतना | डॉ. शंकुतला चौहान |
20 | H-20 | नारी-नियति | कुसुमांजली शर्मा |
21 | H-21 | प्रसाद साहित्य में युग चेतना | डॉ. लीलावती देवी गुप्ता |
22 | H-22 | भारतीय काव्या शास्त्र | डॉ. अशोक के. शाह |
23 | H-23 | इंटरव्यू विधा और विविधा | डॉ. बापूराव देसाई |
24 | H-24 | यशपाल के उपन्यासो में नारी जीवन की समस्याए | डॉ. योगेश कुमारी |
25 | H-25 | हिंदी उपन्यास सातवा दशक | जयश्री बारहाटे |
26 | H-26 | पाश्चात्य काव्यशास्त्र के सिद्धांत | मैथिलीप्रसाद भारद्वाज |
27 | H-27 | माखनलाल चतुर्वेदी और वि.द.सावरकर की कविताओ में राष्ट्रीय चेतना | डॉ. सुभाष महाले |
28 | H-28 | मुक्तिबोध का शिल्प-सौष्ठव | श्रीमती मधु श्रीवास्तव |
29 | H-29 | कुछ साहित्य चर्चा भी | श्रीलाल शुक्ल |
30 | H-30 | राग दरबारी | श्रीलाल शुक्ल |
31 | H-31 | हिंदी उपन्यासो में बौद्धिक विमर्श | डॉ. गरिमा श्रीवास्तव |